दिल की दस्ता

दिल की दस्ता 

इश्क़ को वाकायदा निभाया करो ,
दिल में जो कुछ है बताया करो ,
क्यों करती  हो आँखों से छेड़खानी ,
मोहब्बत है तो जताया करो। 

दिल की दस्ता


लफ्जो की बातो को लफ्जो तक न रहने दो,
तुम न कह सको तो हमें कुछ कहने दो ,
क्यों कर रही हो बेवजह मेरी धड़कनो को परेशान , 
मोहब्बत है बहुत हुआ इंतजार बस अब रहने दो। 

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